भारत में अब तक पौधों की 45,000 प्रजातियों (प्रजातियों) की खोज की जा चुकी है। उनमें से, पौधों की केवल 4,000 प्रजातियों में औषधीय/हर्बल गुण हैं। इनमें से अधिकांश पौधों का उपयोग पारंपरिक भारतीय चिकित्सा जैसे आयुर्वेद, यूनानी (दवा), सिद्ध (दक्षिण भारतीय चिकित्सा), तंत्र चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा, और आदिवासी चिकित्सा, टोटका चिकित्सा में किया जाता है। अनेक वृक्षों और पौधों, लताओं और पत्तियों, जड़ों और छालों का अलिखित उपयोग पूरे भारत और पश्चिम बंगाल में बिखरा हुआ है। यह पोस्ट, हर्बल उपचार द्वारा एनोरेक्सिया का सफलतापूर्वक इलाज कैसे करें पाठकों के लाभ के लिए रोगों के उपचार में दी जाने वाली कुछ जड़ी-बूटियों का संदर्भ देता है। आशा है, हर्बल उपचार द्वारा एनोरेक्सिया का सफलतापूर्वक इलाज कैसे करें रोगियों के लिए उपयोगी होगा।
एनोरेक्सिया
एनोरेक्सिया वास्तव में कोई बीमारी नहीं है। यह केवल किसी शारीरिक बीमारी का प्रकटीकरण है।
- रोग के लक्षण:
मुझे भूख लगी है और मैं खाना नहीं चाहता। न भूख और न खाने की इच्छा।
- रोग का कारण:
अनिच्छा गैस्ट्रिक, इन्फ्लूएंजा बुखार, चिकनगुनिया बुखार, पेट फूलना, जिगर की कमजोरी, प्रसव कराने वाली माताओं के मानसिक कारकों आदि के कारण हो सकती है।
- हर्बल उपचार:
(1) चुकन्दर खाने से मुँह का स्वाद वापस आ जाता है।
(2) शिउली के पत्तों का रस खाने से फिर से स्वाद लौट आता है।
(3) 200-250 ग्राम सूखे नीम के पत्तों के चूर्ण को सूजी के हलवे के साथ मिलाकर खाने से स्वाद लौट आता है।
(4) घी में तली हुई निसिंडा के पत्ते पुराने एनोरेक्सिया को दूर करते हैं।
(5) जीभ पर लार होती है। मुंह में कुछ भी अच्छा नहीं लगता। हर चीज के लिए असंतोष और अरुचि। ऐसे में 2 चम्मच ताजा हेलेंचा का रस सुबह कुछ दिनों तक गर्म करके इन लक्षणों से छुटकारा पाया जा सकता है।
(6) सर्दी-जुकाम के दौरान अगर आपके मुंह में खराब स्वाद आता है, तो आप तेलकुचा के पत्तों को पकाकर अपने मुंह में स्वाद वापस पा सकते हैं।
(7) पित्त बलगम के कारण भूख न लगे तो 1 चम्मच कोरोला का रस 2-3 दिनों तक दिन में 2 बार सेवन करने से स्वाद अच्छा लगेगा।
(8) बिना गर्भधारण के 20-25 ग्राम गाजर को उबालकर थोड़े से शहद के साथ खाने से स्वाद वापस आ जाता है।
(9) धनिया को बारीक पीसकर 1-2 ग्राम, थोड़ा नमक और काली मिर्च का पाउडर मिला लें।
- एलोपैथिक इलाज :
इसलिए उदासीनता का इलाज करने की जरूरत है। यदि कोई कारण स्पष्ट न हो तो हेप्टैनिन, पेरिगन, पेरिटोल आदि दिया जा सकता है।
- होम्योपैथिक उपचार:
जानिसियाना, हाइड्रैस्टिस नक्स आदि लक्षणों और कारणों के अनुसार दिए जा सकते हैं।
भोजन : ठंडा पानी पीना और संतरा और अन्य खट्टे फल खाना अच्छा है।
फॉलो करने के लिए क्लिक करें: फेसबुक और ट्विटर
आप अवश्य पढ़ें:
अनिद्रा का सफलतापूर्वक इलाज.. अम्लता का सफलतापूर्वक इलाज.. वासीर का सफलतापूर्वक इलाज.. दस्त का सफलतापूर्वक इलाज .. ट्यूमर का सफलतापूर्वक इलाज.. मासिक धर्म का सफलतापूर्वक इलाज..
चर्म रोग का इलाज कैसे करें(भाग-I)